Bihar and Mithila News

Total Pageviews

Diksha Web Solutions on LinkedIn

Site Value

Search This Blog

Tuesday, November 2, 2010

श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करती हैं कुम्हड़ी की बूढ़ी काली

कदवा (कटिहार), निज संवाददाता : कदवा प्रखंड के कुम्हड़ी गांव में सौ वर्ष से अधिक प्राचीन मनोकामना बूढ़ी काली मंदिर में पूजा के अवसर पर आसपास के जिले के अलावा दूसरे प्रदेशों से श्रद्धालु आकर पूजा करते हैं एवं मन्नतें मांगते है। मन्नत पूरा होने के बाद मंदिर में छागर बलि दी जाती है।
प्रतिवर्ष लगभग तीन सौ पाठा की यहां बलि दी जाती है। मंदिर स्थापना के संबंध में लगभग 90 वर्षीय घनश्याम झा व 100 वर्षीय द्रोपदी देवी ने बताया कि आजादी के काफी वर्ष पहले स्थानीय दुर्गागंज स्टेट के लोगों में पूजा के सवाल पर मतभेद हो गया था। पूर्व में दुर्गागंज स्टेट में ही पूजा होती थी। कुम्हड़ी के लोगों ने उसी समय तत्कालीन राजा से लड़ाई कर कुम्हड़ी में प्रतिमा स्थापित कर पूजा शुरू की। मंदिर के पहले पुजारी स्व. खड़ग नाथ झा थे। इन्हीं के वंशज पूजा कराते हैं। मंदिर के पास अपनी सात बीघा जमीन है। इसी आय से मंदिर का विकास होता है। काली की शक्ति एवं लोगों की मनोकामना पूर्ण होने के बाद इसकी ख्याति चहुंओर फैलने लगी। पूजा के अवसर पर आसपास के जिलों के अलावा बाहर के प्रदेशों से श्रद्धालु आकर पूजा करते हैं, पाठा की बलि देते हैं एवं मन्नते मांगते हैं। काली पूजा की रात्रि प्रथम बलि मंदिर कमेटी की ओर से दी जाती है। उसके बाद रात से लेकर दूसरे दिन तक बलि जारी रहती है। मंदिर में भव्य प्रतिमा स्थापित करने से पूर्व इसे गांव में भ्रमण कराया जाता है। हजारों श्रद्धालु काली माता की जय-जयकार कर आतिशबाजी करते हैं। उक्त नजारा देखने के लिए दूरदराज से लोग यहां आते हैं। काली पूजा नजदीक आने के साथ पूजा की तैयारी के साथ मंदिर को सजाने-संवारने का कार्य अंतिम चरण में है

Komentar :

ada 0 comments ke “श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करती हैं कुम्हड़ी की बूढ़ी काली”

Post a Comment

Jagran News

Jagran News
Jagran News

Popular Posts

Arsip Blog

Latest News

Followers

 

Popular Posts

Facebook Badge

This Blog is proudly powered by Website Traffic Online | Template by Web Solution India