लंदन।। अंग प्रत्यारोपण को आसान बनाने की दिशा में काम कर रहे वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण कामयाबी मिली है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने लैब में
नॉर्थ कैरोलाइना के वेक फॉरेस्ट इंस्टिट्यूट ऑफ रीजेनरेटिव मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने एक जानवर के लिवर में ह्यूमन सेल्स का प्रत्यारोपण किया। इन कोशिकाओं को निकालकर इसकी जगह अपरिपक्व मानव लिवर को रखा गया। बायो रिएक्टर में इसे ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट दिए गए। करीब एक सप्ताह भर बाद यह लिवर बढ़ने लगा और आम इंसानी लिवर की तरह काम करने लगा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे लिवर को लैब में तैयार करके मरीजों में ट्रांसप्लांट करने और नई दवाएं बनाने के लिए प्रयोग के काम में इस्तेमाल किया जा सकेगा। टीम मेंबर डॉ. पेड्रो बैपतिस्ता का कहना है कि हमें उम्मीद है, इन अंगों का प्रत्यारोपण करने के बाद ये इंसानी शरीर में खुद को ऐडजस्ट कर आम अंगों की तरह काम कर सकेंगे।
इस रिसर्च के पेपर बॉस्टन में अमेरिकन असोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लिवर डिजीज के सालाना अधिवेशन में शनिवार को पेश किए गए। वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी इस लिवर को जानवरों में ही ट्रांसप्लांट किया जाएगा। यदि यह वहां सफलतापूर्वक काम करने लगता है तो उसके बाद ही इसे इंसानों में ट्रांसप्लांट करने के बारे में सोचा जा सकता है। लैब से अस्पताल तक का सफर तय करने में इस प्रयोग को कम-से-कम पांच साल का समय लग सकता है।
इससे पहले, वैज्ञानिकों ने मैसाचूसिट्स जनरल हॉस्पिटल में चूहों का लिवर बनाया था। लेकिन चूहों में उसे ट्रांसप्लांट करने के बाद वे कुछ घंटे ही जीवित रह पाए थे
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