केवटी। गांव के अधिकारी तो हैं बड़का मैया हो, मैया हायदस पोखरी खुना दिअ चंपा फूल लगा दिया हो, जैसे गीत प्रखंड के गांव टोले की गलियों में अब तेजी के साथ गूंज रहे हैं। वहीं सामा को विदाई देने के लिये बहनों की तैयारी भी पूरी हो गयी है। भाई बहनों के इस पर्व में बहनें अपने भाई की लंबी आयु के लिए गीतों के माध्यम से भगवान से प्रार्थना करती है। अधिकारी घर एवं चौक-चौराहों पर महिलाएं तथा लड़कियां सामा-चकेवा खेलने के साथ पर्व की रस्म पूरी करने में जुटे हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन इसकी रस्म अदायगी कर विसर्जन कर दिया जायेगा। सामा खेल गेलियै बड़का भैया, अडना लाल भौजी लेलनि डाला छीनि सुनू राम सजनी सामा खेल चलली बहिनो से बड़की बहिनो सामा चकों अहियो हे.. आदि गीतों से सराबोर रनवे, दड़िमा, पैगंबरपुर, पचाढ़ी, रनवे पुरानी टोल, खिरमा, ननौरा, फुलकाही, दिघियार, छतवन, मुहम्मदपुर, केवटी, वनवाड़ी, हाजीपुर आदि जगहों की लड़कियों में शालू सिंह, अर्चना, अमृता, प्रियंका, राखी, रंजन, गुड़िया, रूबी, रानी सहित अनय ने भाइयों को हर विपदा से बचाने की मंगलकामना कर रही है। प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों चहुंओर सामा-चकेवा गीत की धूम मची है
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Sunday, November 21, 2010
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