पंडौल (मधुबनी)। अब मैथिली भाषा का विकास अवरुद्ध नहीं हो सकता क्योंकि मैथिली संविधान की अष्टम सूची में शामिल हो चुकी है। उक्त बातें स्थानीय उग्रनाथ स्थान, भवानीपुर प्रांगण में अवस्थित महाकवि विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण के पश्चात विधान परिषद के सभापति पंडित ताराकांत झा ने कही। उन्होंने कहा कि मिथिलांचल का हर व्यक्ति मैथिल है। लोगों को अपने घर में बच्चों को मैथिली भाषा में बात करने की आदत डालनी चाहिए। मैथिली के प्रति समर्पण ही मिथिलांचल का सम्मान है। पंडित झा ने कहा कि अब भारतीय संविधान का अनुवाद मैथिली भाषा में भी होने जा रहा है। उन्होंने सभी धर्मो के लोगों से अपनी बेटियों को शिक्षित करने पर बल दिया। पंडित झा ने कहा कि गांवों में बच्चों के खेलने के लिए खेल का मैदान अत्यंत आवश्यक है। वहीं गांवों में युवाओं के बीच नाशाखोरी में वृद्धि का कारण बेरोजगारी एवं खेल की समुचित व्यवस्था का न होना बताया। इस अवसर नर निवर्तमान विधायक रामदेव महतो, पूर्व जिप सदस्य मनोज चौधरी, शंकर झा, मंदिर कमेटी के सचिव उमानाथ झा वैद्य, मुखिया जीवछ यादव, प्रवेश गुंजन झा, गणेश नारायण ठाकुर, प्रफुल्ल चन्द्र झा, सुमन महासेठ, अनिल झा, विष्णुकांत ठाकुर, सुनील कुमार झा सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजद थे
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Sunday, November 21, 2010
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