शिवाजीनगर । प्रखंड परिसर में बने अधिकांश सरकारी भवनों पर कर्मचारियों का कब्जा अवैध रूप से है। इन कमरों का उपयोग ये कर्मचारी घर आंगन के रूप में कर रहे है। चूल्हा-चौकी से लेकर परिवार के साथ भी कर्मचारी सरकारी भवन में रह रहे है। ये भवन का निर्माण कर्मचारियों के आवास के लिए नहीं बल्कि विभिन्न कार्यालय के लिए हुआ था। लेकिन कार्यालय की जगह कर्मचारियों के अवैध कब्जे ने इन भवनों को आवासीय परिसर जैसा बना कर रख दिया है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि एक ओर कर्मचारी इन भवनों का उपयोग करते है तो दूसरी ओर वेतन के साथ हाउस रेन्ट की राशि का उठाव भी करते है सरकारी भवन में रहकर सरकार से ही पगार के साथ हाउस रेन्ट वसूल करना प्रखंड मुख्यालय में चर्चा का विषय बनता जा रहा है। उदाहरण स्वरूप प्रखंड कार्यालय के बगल में स्थित सामुदायिक भवन पर चपरासी अखिलेश कुमार का कब्जा बरकरार है। वही सीएमसी बिल्डिंग पर प्रखंड नाजिर गौरीशंकर यादव एवं अंचल अमीन साह जी का कब्जा है। प्रशिक्षण सह उत्पादन भवन पर बाल-विकास परियोजना कार्यालय के प्रधान सहायक दिवाकर झा एवं कम्प्यूटर आपरेटर का कब्जा है। स्वास्थ्य विभाग का आपरेशन थिएटर-स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की शरण-स्थली बन गई है। इन के अलावे प्रखंड एवं अंचल कार्यालय को छोड़कर अन्य सरकारी भवनों एवं कार्यालयों पर अनाधिकृत रूप से प्रखंड के कर्मचारी का कब्जा है। इस ओर प्रखंड राजद के अध्यक्ष बैधनाथ पौद्दार ने सरकार एवं प्रशासन के आलाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कार्रवाई की मांग की है
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Sunday, November 21, 2010
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