Bihar and Mithila News

Total Pageviews

Diksha Web Solutions on LinkedIn

Site Value

Search This Blog

Sunday, November 21, 2010

दो भविष्य निधि कोषों पर मंत्रालय का रुख अलग

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय की दो अलग-अलग भविष्य निधि कोषों के धन के निवेश को लेकर राय भी भिन्न-भिन्न है। मंत्रालय ने जहां सरकारी भविष्य निधि कोष [जीपीएफ] का धन शेयर बाजार में निवेश से साफ इनकार किया है, वहीं वह कर्मचारी भविष्य निधि [ईपीएफ] के 5,00,000 करोड़ रुपये से अधिक के कोष का कुछ हिस्सा शेयर बाजारों में लगाए जाने की वकालत कर रहा है।
जीपीएफ जहां सरकारी कर्मचारियों के पेंशन फंड का प्रबंधन करता है, वहीं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन [ईपीएफओ] निजी और सार्वजनिक उपक्रमों के सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करता है। पिछले सप्ताह वित्त राज्यमंत्री नमो नारायण मीणा ने कहा था कि जीपीएफ के 83,363 करोड़ रुपये के कोष का जरा भी हिस्सा शेयर बाजार में नहीं लगाया जाएगा। लोकसभा में एक लिखित सवाल कि क्या सरकार जीपीएफ का कुछ हिस्सा निवेश करने का इरादा रखती हैं, मीणा ने कहा, नहीं।
वहीं, दूसरी ओर वित्त मंत्रालय का रुख ईपीएफओ के प्रबंधन के तहत कोष के निवेश को लेकर अलग है। वित्त मंत्रालय चाहता है कि ईपीएफओ के कोष का कुछ हिस्सा शेयर बाजारों में निवेश किया जाए। अगस्त, 2008 में जारी निवेश के रुख में वित्त मंत्रालय ने ईपीएफओ से अपने कोष का 15 प्रतिशत शेयर बाजारों में निवेश करने को कहा है। ईपीएफओ 3,00,000 करोड़ रुपए से अधिक के कोष का प्रबंधन करता है। वहीं उसके प्रबंधित सभी मान्यता प्राप्त भविष्य निधि कोषों के पास 2,00,000 करोड़ रुपये से अधिक का फंड है। वास्तव में वित्त मंत्रालय के इस विचार का श्रम मंत्रालय ने कड़ा विरोध किया था।
वित्त मंत्रालय के सेवानिवृत्ति कोष का कुछ हिस्सा शेयर बाजारों में लगाने के सुझाव को ईपीएफओ की सलाहकार समिति वित्त एवं निवेश समिति ने खारिज कर दिया था। वहीं श्रम मंत्री की अगुवाई में उसके न्यासियों ने भी इसे नामंजूर कर दिया है।
दो माह पहले वित्त सचिव अशोक चावला को भेजे गए पत्र में श्रम सचिव पी सी चतुर्वेदी ने ईपीएफओ न्यासियों के इस फैसले की जानकारी दी है कि ईपीएफ का फंड तभी शेयर बाजारों में लगाया जा सकता है, जबकि सरकार पूंजी पर रिटर्न की गारंटी दे। श्रम सचिव के पत्र में कहा गया है कि यदि शेयर बाजार में निवेश इतना ही अच्छा है, तो सरकार को इस पर गारंटी देने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए

Komentar :

ada 0 comments ke “दो भविष्य निधि कोषों पर मंत्रालय का रुख अलग”

Post a Comment

Jagran News

Jagran News
Jagran News

Popular Posts

Arsip Blog

Latest News

Followers

 

Popular Posts

Facebook Badge

This Blog is proudly powered by Website Traffic Online | Template by Web Solution India