दरभंगा । पिछले तेरह दिनों से दरभंगा से लापता रेलवे के ठेकेदार सीतामढ़ी जिला के महसौल निवासी मो.नेयाज अहमद उर्फ रूमी को अपहरणकर्ताओं ने नेपाल के मलंगवा स्टेशन पर गुरुवार को मुक्त कर दिया। इसकी पुष्टि करते हुये एसएसपी एम.आर.नायक ने कहा कि पुलिस दबिश के कारण अपहरणकर्ता काफी दबाव में थे। रूमी को दरभंगा लाने के लिये पुलिस टीम प्रस्थान कर गयी है। बताया जाता है कि मुक्त होने के बाद रूमी ने अपने परिजनों से बातचीत की है। इसके बाद परिजन उसके पास भी पहुंच गये हैं। उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार को रूमी दरभंगा आ जायेंगे। रूमी के अपहरण के बाद दरभंगा पुलिस की परेशानियां बढ़ गयी थी। रूमी पूर्व सांसद अनवारूल हक के रिश्तेदार हैं और उनके सानिध्य में रेलवे में करोड़ों की ठेकेदारी कर चुके हैं। फिलहाल दरभंगा के शीशो स्टेशन के समीप वह रेलवे में काम करवा रहा थे और गत 6 नवंबर को साइट पर से बाइक से वे बाजार समिति तक आये और वहां से आटो से कैदराबाद बस स्टैंड के लिये चले। उसके बाद से ही रूमी लापता थे। रूमी के भाई मो.एजाज अहमद ने मब्बी ओपी में पहले लापता होने का सनहा दर्ज कराया था उसके तीन दिनों बाद घटना अपहरण में तब्दील हो गयी। एसएसपी श्री नायक के पर्यवेक्षण में अलग-अलग दो स्पेशल टास्क फोर्स की टीम गठित की गयी थी जिसमें डीएसपी समेत आधा दर्जन से अधिक थानाध्यक्षों को शामिल किया गया था। कुल मिलाकर घटना का कारण ठेकेदारी में वर्चस्व बताया गया है और अपहरण के इस मामले में समस्तीपुर के रेलवे ठेकेदार पटोरी निवासी दुर्गेश कुमार सिंह व मोहनपुर के नथुनी महतो, समस्तीपुर के ही ठेकेदार वैशाली के महुआ थाना क्षेत्र निवासी संतोष कुमार सिंह ऊर्फ माइकल के अलावा कल्याणपुर थाना क्षेत्र के रमौली निवासी अवनींद्र कुमार ऊर्फ सोनू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। माइकल का लंबा अपराधिक इतिहास रहा है और रेलवे के पूर्व चर्चित ठेकेदार व राजद नेता अखिलेश राय हत्याकांड में भी यह वांछित था। इसके अलावा रेलवे के अभियंता एसके झा से भी एसएसपी ने पूछताछ की थी। साथ ही समस्तीपुर के ताजपुर के दो ठेकेदार मनोज कुमार गुप्ता व राधेश्याम तिवारी को भी पूछताछ के बाद निजी मुचलका पर छोड़ा गया था।
उल्लेखनीय है कि रूमी की बरामदगी के लिये दरभंगा के अलावा सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर के कई इलाकों में एसटीएफ ने कई दिनों तक लगातार छापेमारी की थी
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