दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एस. पी. सिंह ने कहा कि कवि-साहित्यकारों की रचना कल्याणकारी हो और उनकी लेखनी मार्ग-दर्शक बने। वे गुरुवार को स्नातकोत्तर संगीत एवं नाट्य विभाग में मिथिलांचल विकास मंच की ओर से आयोजित डा. नागेंद्र नारायण लाभ के कविता संग्रह 'अनुराग' के लोकार्पण समारोह में उद्घाटन भाषण कर रहे थे। डा. सिंह ने कहा कि वे विश्वविद्यालय को हर तरह से संवारने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें सभी मददगार बनें। उन्होंने विश्वविद्यालय में शैक्षिक माहौल कायम करने के साथ इसके उन्नयन के प्रयास की चर्चा करते हुए कहा कि अगर सहयोग मिला तो सफलता जरूर मिलेगी। शिक्षा के क्षेत्र में आई गिरावट के साथ ही पुस्कालय व परिसर के व्यवस्थित नहीं होने पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि इसे सुव्यवस्थित करने में वे लगे हैं। वीसी ने शिक्षकों व कर्मचारियों के बीच 62 करोड़ वितरित कर चुकने, विश्वविद्यालय पर 2500 सीडब्ल्यूजेसी केस दर्ज होने और उसमें से एक हजार को खत्म कराने में मिली कामयाबी का जिक्र करते हुए वीसी ने विश्वविद्यालय परिसर के विभिन्न मार्गो को बंद कर एक प्रवेश व निकास द्वार बनाये जाने की बाबत कहा कि छात्राओं के हॉस्टल, शांति-सुव्यवस्था व अवांछितों के प्रवेश पर रोक की दृष्टि से जरूरी था। पृथ्वीचंद्र झा महीन्दु की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में पुस्तक का लोकार्पण करते हुए वयोवृद्ध साहित्यकार पं. श्रीचंद्रनाथ मिश्र 'अमर' ने कहा कि पेशे से चिकित्सक कवि की रचनाएं समाज में फैल रही मानसिक विकृति के निदान में सहायक होगा। समारोह के संयोजक डा. सुरेश्वर झा ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को भी रखा और आशा जतायी कि कुलपति डा. सिंह सभी के निदान में सफल होंगे। इस मौके पर स्नातकोत्तर मैथिली विभाग की अध्यक्षा डा. वीणा ठाकुर ने 68 कविताओं की पुस्तक की सारगर्भित समीक्षा करते हुए कहा कि काव्य-संग्रह कवि के मातृभाषा के प्रति अनुराग का परिणाम है और इसमें वास्तविक जीवन के साथ ही सास्वत सत्य को उद्घाटित किया गया है। वहीं सीएम कालेज अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका डा. इंदिरा झा ने कहा कि पुस्तक 'अनुराग' में जीवन की सार्थकता पर विमर्श महत्वपूर्ण है। वात्सल्य विशाल व केशव कुमार धीरज ने मंगलाचरण के साथ ही लोकार्पित पुस्तक से कविता का गायन भी किया जिसे संगीतबद्ध डा. वेदप्रकाश ने किया था। गणेश झा के स्वागत गीत से आरंभ व विभागाध्यक्षा डा. पुष्पम नारायण के आभार प्रदर्शन से संपन्न कार्यक्रम के दूसरे खंड में लोगों ने डा. जयप्रकाश चौधरी जनक, डा. चंद्रमणि, डा. राजानंद झा सहित अन्य की विभिन्न भाव-भूमि की रचनाओं का आनंद लिया।
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Thursday, November 18, 2010
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