मधुबनी। महंगा है जमाना, तंग है जेब और धनतेरस का है मौका। लोग असमंजस में हैं-क्या खरीदें, क्या छोड़े। मध्यमवर्गी तबका तो बस परंपरा की खानापूरी करने के विचार में ही लगता है। धनतेरस को लेकर जब आम शहरियों से बातचीत की गई तो कुछ इसी तरह के विचार छनकर आए।
शहर के बीएन झा कालोनी निवासी गृहणी मीना वर्मा को यहां पटना व अन्य बड़े शहरों की तरह खरीदारी के लिए फाइनेंस सुविधा का नहीं होना खटकता है। उनका कहना है कि अगर यह सुविधा यहां होती तो वे धनतेरस पर मनचाही मार्केटिंग करतीं। पिछली बार सोने का सिक्का लेकर संतोष किया था। इस बार ऑस्कर कंपनी का रिवाल्विंग टीवी लेने की योजना है। वहीं तिरहुत कालोनी की गृहणी कुमुद भगवान के लिए चांदी की थाली लेने की सोच रही हैं। पिछली बार भी उन्होंने पूजा सामग्री ही ली थी। कहती हैं महंगाई के इस दौर में मन को मारना पड़ता है। छात्र सुमीत कुमार झा समसामयिक घटनाक्रम, खेल आदि की जानकारी के लिए टीवी लेने की सोच रहे हैं। पिछली बार उन्होंने मनोरंजन वास्ते डीवीडी प्लेयर लिया था। जबकि एलआईसी कर्मी अरविन्द झा महंगाई के कारण अपने सीमित बजट के अनुरूप कोई हल्की-फुल्की खरीदारी ही करेंगे। चकदह मुहल्ला की रहने वाली मीना झा गणेश-लक्ष्मी की छवि वाले चांदी का सिक्का खरीद धनतेरस पर रस्म अदायगी भर करेंगी। कहती हैं कि महंगाई के कारण पिछली बार भी महज चांदी का सिंदूरदानी (कीया) ही लिया था, इस बार भी वहीं हाल है
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