दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. अनूप प्रसाद, पूर्व कुलसचिव विमल नारायण ठाकुर समेत पूर्व डीएसडब्ल्यू डा. अरविंद पांडेय के खिलाफ दरभंगा सीजेएम की अदालत ने मंगलवार को वारंट जारी किया है। मालूम हो कि गत 29 जून को मानव संसाधन विकास विभाग के तत्कालीन सचिव केके पाठक के आदेश पर कथित वित्तीय अनियमितता, अनियमित नियुक्ति व सरकारी कोष के गबन के आरोप में उक्त तीन पदाधिकारियों के अलावा कुलपति समेत अन्य तीन पर विश्वविद्यालय थाना में दरभंगा के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक जयचंद प्रसाद श्रीवास्तव ने प्राथमिकी (126/10) दर्ज करायी थी। इस मामले केअनुसंधानकर्ता डीएसपी अशफाक अंसारी के अनुरोध पर ही अदालत ने कुलसचिव श्री प्रसाद समेत तीन पर वारंट जारी किया है। उल्लेखनीय है कि इसी मामले में तत्कालीन सिटी एसपी रंजीत कुमार मिश्रा ने भी पहले ही गिरफ्तारी का आदेश दे रखा है। वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय सूत्रों का कहना है कि डीएसपी श्री अंसारी ने तथ्य की गहराई में गये बिना ही कोर्ट से प्रे कर दिया। उल्लेख कर देना जरूरी है कि तत्कालीन डीएसडब्ल्यू डा. पांडेय के खिलाफ इसी तरह की अनियमितताओं का आरोप लगाते हुये बोध गया में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी लेकिन इस मामले में हाईकोर्ट ने उन्हें राहत पहुंचा दी। साथ ही विश्वविद्यालय थाना के कांड संख्या 126/10 में भी डा. पांडेय को इसी आधार पर राहत मिल गयी। पुलिस विभाग के ही कुछ अधिकारियों का कहना है कि जब हाईकोर्ट से डा. पांडेय को राहत मिल चुकी है तो फिर किस आधार पर उनके खिलाफ कोर्ट से वारंट के लिए अपील की गयी
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Tuesday, November 2, 2010
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