देवघर : इंटर स्तरीय उच्च विद्यालयों व कालेजों में पठन-पाठन की समुचित व्यवस्था व पर्याप्त सीट नहीं होने के कारण सूबे के 25 हजार छात्रों के समक्ष नामांकन का संकट उठ खड़ा हो गया है तथा यह छात्र आज भी नामांकन के लिए विद्यालय व महाविद्यालयों की राह देख रहे है।
इस संबंध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि हर साल छात्रों की संख्या बढ़ रही है लेकिन उनके पठन-पाठन की दिशा में सकारात्मक पहल नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसके कारण हर साल बड़ी संख्या में छात्र दूसरे राज्यों में पलायन के लिए विवश है। परिषद के विवि प्रमुख राजीव रंजन सिंह ने कहा कि राज्य गठन के 10 साल बीतने को है लेकिन इंटर की पढ़ाई अभी तक अंगीभूत कालेजों से अलग नहीं हो सकी है। जिसके चलते इंटर की पढ़ाई का बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के 10 वर्षो में 2 लाख 99 हजार 670 छात्रों ने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की, जबकि दूसरी तरफ प्लस टू विद्यालयों में कई अस्थायी संवद्धता प्राप्त महाविद्यालयों की संवद्धता समाप्त होने के कारण नामांकन की समस्या गंभीर होते जा रही है तथा नामांकन में मनमानी राशि वसूल की जा रही है
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