बेनीपुर। अठहत्तर लाख रुपये की लागत से बेनीपुर अनुमंडल गेट के सामने पीएचईडी विभाग द्वारा निर्माण करवाये गये जलमीनार आज बेनीपुर बाजार की शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है। इस जलमीनार से आज तक एक भी बूंद पानी नहीं टपका है। बताते चले कि इस जलमीनार का निर्माण कार्य वर्ष 2007 में शुरू किया गया था। जो वर्ष 2009 में बनकर तैयार हो गया। लेकिन विभागीय अभियंताओं की लापरवाही के कारण आज तक इस जलमीनार से एक भी बूंद पानी लोगों को नसीब नहीं हुआ। बताते चले कि इसी तरह बहेड़ा बाजार में विगत 15 साल पहले लाखों रुपयों की लागत से निर्माण करवाये गये जलमीनार से भी आज तक एक बूंद पानी की लोगों को नसीब नहीं हुआ। सूत्रों ने बताया कि बहेड़ा जलमीनार के नाला की मरम्मत, पाइप की मरम्मत एवं टंकी की सफाई के नाम पर प्रति वर्ष पीएचईडी विभाग द्वारा लाखों रुपये की फर्जी वाउचर-बनाकर गबन कर लिया जाता है। हालांकि इस संबंध में पूछने पर पीएचईडी विभाग के कनीय अभियंता गजनफर इस्लाम रुपया गबन करने से इनकार करते हुये कहते है कि विभाग के उच्च पदाधिकारियों की शिथिलता के कारण बहेड़ा बाजार के जलमीनार से आज तक एक बूंद भी पानी लोगों को नहीं मिला। वहीं दूसरी ओर बेनीपुर एवं बहेड़ा बाजार के आम जनता का कहना है कि बहेड़ा एवं बेनीपुर में लगभग दो करोड़ की लागत से दो जलमीनार का निर्माण तो सरकार के निर्देश पर पीएचईडी विभाग ने करवाया लेकिन दोनों जलमीनारों में घटिया किस्म का पाइप, लगाये जाने के कारण एवं नाला का निर्माण घटिया किस्म के करने के कारण आज तक एक बूंद पानी भी लोगों को नसीब नहीं हुआ। अब उक्त दोनों बाजार की जनता पीएचईडी विभाग के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
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Wednesday, October 27, 2010
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