मधुबनी। तकरीबन दो माह तक चली सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल की समाप्ति के बाद सोमवार को समाहरणालय सहित सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों, कर्मचारियों व आमलोगों की चहलकदमी देखी गयी। समाहरणालय स्थित विभिन्न शाखाओं के कार्यालय खुले दिखे। कर्मचारी धूल से पटी व अव्यवस्थित फाइलों को सही स्थान देने में दिन भर जुटे रहे। फाइलें दनादन उपर बढ़ने लगी हैं। हड़ताल व विधान सभा चुनाव के कारण बंद पड़े विकास कार्यो को रफ्तार देना प्रशासन के लिए सबसे बड़ा टास्क है। गौरतलब हो कि विकास व गरीबी उन्मूलन से संबंधित तमाम योजनाएं लंबित चल रही हैं। हड़ताल व चुनाव का असर सबसे ज्यादा किसानों पर पड़ा है। सुखाड़ से प्रभावित जिले के किसानों को राज्य सरकार ने डीजल अनुदान देने की घोषणा कर रखी थी। राशि प्रखंडों को उपावंटित होने के साथ ही कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। परिणामस्वरूप किसान डीजल अनुदान से वंचित रह गए। रबी फसल की बुआई का समय आ चुका है। लेकिन किसानों के लिए प्रशासन की ओर से अनुदान पर खाद व बीज की व्यवस्था नहीं की गयी है। इसी तरह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण विकास योजना, इंदिरा आवास, एसएसजी, सांसद व विधायक ऐच्छिक कोष योजना सहित अन्य योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। जिला पदाधिकारी संजीव हंस कर्मचारियों की हड़ताल के बावजूद अपनी कार्यकुशलता से विधान सभा चुनाव शांतिपूर्ण व निष्पक्ष सम्पन्न करा लिए। अब बारी विकास कार्यो की
Search This Blog
Tuesday, October 26, 2010
Subscribe to:
Post Comments (RSS)
Komentar :
Post a Comment