राजधनवार कार्यालय, गिरिडीह : मर्दो के लिए मूछें शान की बात होती हैं। नत्थूलाल अपनी उम्दा मूंछ के कारण ही काफी सुर्खियों में रहे। अब धनवार प्रखंड क्षेत्र के डोरंडा निवासी 53 वर्षीय रामदेव प्रसाद वर्णवाल चर्चे में हैं। श्री वर्णवाल ने छह वर्ष पूर्व अपनी मूंछों पर विशेष ध्यान देना प्रारंभ किया था। इरादा था नत्थूलाल की मूंछों के रिकार्ड को ध्वस्त करना।
पेशे से व्यवसायी रहे रामदेव बताते है कि उन्होंने मूंछों में नारियल तेल लगाना शुरू किया। फिर देखते ही देखते उनकी मूंछें रिकार्ड की ओर बढ़ने लगीं। जब उनकी मूंछ की माप तीस इंच पहुंची, तो कोलकाता में एक ट्रस्ट में उन्हें सम्मानित कर और आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी। फिलहाल उनकी मूंछ की लंबाई 36 इंच पहुंच चुकी है। ऐसा नहीं कि उन्हे केवल अपनी मूंछों पर ही गर्व है, बल्कि वे मूंछ की मर्यादा के लिए सामाजिक एवं धार्मिक कायरें में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। गरीब-गुरबों के हक लिए किसी भी हद तक जाना और प्रशासन से टकराना उनकी दिनचर्या में शामिल है। रामदेव की माने तो मूंछों से उन्हें काफी ऊर्जा मिलती है और इसका उपयोग परोपकार के लिए करते है। यही कारण है कि लोग बड़े प्यार से कहते हैं मूंछें हो तो रामदेव वर्णवाल जैसी
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