पंचेत, मैथन कार्यालय : पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गयी है एवं आम लोग पंचायत में वर्षो से व्याप्त समस्याओं के निराकरण की आस लगाए बैठे हैं।
डुमरकुंडा दक्षिण पंचायत में मतदाताओं की संख्या 5404 है। मुखिया का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। कुल 11 वार्ड में सात महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। डुमरकुंडा दक्षिण पंचायत धनबाद जिले के कृषि क्षेत्र में कभी अव्वल था, परंतु सिंचाई का पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां की खेती चौपट हो गयी। बाबूडंगाल हरिजन बस्ती में पेयजल की समस्या विकराल रूप धारण किए हुए है। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को होती है। लोग दूर-दूर तक पानी के लिए भटकते हैं। कई सरकारें बनीं पर समस्या का हल नहीं हो सका। उसी तरह बाउतीडीह आदिवासी टोले में बिजली, पानी की समस्या के साथ खेती के लिए सिंचाई का अभाव है। तालाब कई बने पर पानी नहीं है। नरेगा योजना के तहत काफी लूट-खसोट हुई। बेरोजगारी दूर करने के लिए बनी यह योजना अपने उद्देश्य में सफल नहीं हुई।
चांच कालोनी, बाबूडंगाल बस्ती एवं नतुन गांव जाने के लिए सड़क नहीं है। दिलीप बाउरी, सुबोध बाउरी, बापी बाउरी, शक्ति पासवान, सुधीर बाउरी, छोटू बाउरी, मो.कलीम का कहना है कि पंचायती राज व्यवस्था कायम होने से गांवों के विकास में तेजी आएगी
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