सिंहवाड़ा। प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में लगाये गये सोलर लाइट शोभा की वस्तु बन कर रह गई है। निम्न कोटी के सोलर लाइट बिना रौशनी बिखड़े सड़क किनारे खड़ी है जिसे देखने वाला कोई नहीं है। इस की जांच हो तो बड़े घपले का उजागर होने के साथ फर्जी ढंग से बनाये गये वाउचर का पता चलेगा। प्रखंड की 25 पंचायतों में 12वें वित्त योजना के तहत सोलर लाइट लगाने का प्रस्ताव था जिसे मुखिया व पंचायत सचिव ने उच्च कोटी के बदले घटिया सामग्री की खरीदारी कर राशि निकासी की है, जबकि ब्रांडेड कम्पनी की लाइट लगाने का स्पष्ट निर्देश था। इस समय अरई बिरदीपुर, माघोपुर बस्तवाड़ा, कंसी, सिमरी सहित अन्य पंचायतों में लगाई गई सोलर लाइट को देखने वाला कोई नही है। ग्रामीण मो. दमड़ीनूर आलम, यदुवीर कुशवाहा, जैकी यादव का कहना है कि सोलर लाइट लगाने के बाद रखरखाव की जिम्मेवारी कम्पनी की थी पर उसने कभी सुधि नहीं ली तथा एक भी पंचायत में सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कम्पनी की सोलर लाइट नही लगाया गया है। जांच होने पर भारी हेराफेरी का मामला उजागर हो सकता है। फर्जी वाउचर के इस खेल में कई लोग शामिल हैं।
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Wednesday, October 27, 2010
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