मधुबनी। मधुबनी नगर परिषद का स्वच्छ शहर सुंदर शहर का नारा बेमानी साबित हो रहा है। शहर के कमोवेश सभी नाले जाम हैं। जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा रहता है। मूत्रालय के अभाव में लोग सार्वजनिक स्थलों के पास भी मूत्र त्यागने को विवश हैं। एक से 30 वार्डो में विभक्त यह जिला के मुख्यालय गंदगी का पर्याय बनता जा रहा है। शाम होते ही शहर मच्छरों की गिरफ्त में आ जाता है। इसके अलावा शहर के लगभग सभी चौक, चौराहों पर कूड़ा करकट की नियमित सफाई नहीं होने से शहर कूड़ान में तब्दील होता नजर आ रहा है। इन दिनों स्टेशन चौक स्थित सब्जी बाजार के आसपास सड़ी-गली सब्जियों को सरेआम फेंके जाने से यहां दमघोटू बदबू फैलने लगी है। यही हाल गिलेशन बाजार स्थित सब्जी बाजार का है। यहां नगर पालिका विद्यालय के सामने तथा पीछे फेंकी जा रही सड़ी गली सब्जियों की दुर्गध राहगीरों को नाकोदम कर रखा है। इधर, शहर के अशोक होटल के बगल से कीर्तन भवन रोड, स्टेशन चौक से महादेव मंदिर जाने वाली सड़क, तिलक चौक से बड़ी मस्जिद चौक तक, गंगा सागर चौक से स्टेशन चौक तथा तिलक चौक से माल कचहरी होकर गौशाला चौक जाने वाली सड़कों पर कूड़ा का अंबार लगा रहता है, जिससे शहर वासियों में निराशा है।
Search This Blog
Saturday, December 4, 2010
Subscribe to:
Post Comments (RSS)
Komentar :
Post a Comment