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Thursday, June 23, 2011

प्रीमियर कॉलेजों में नामांकन टेढ़ी खीर


-इंटर के बम्पर रिजल्ट
ने बढ़ाया कट आफ मा‌र्क्स
दरभंगा, अबुल कैश नैयर : स्नातक कक्षाओं में नामांकन और आवेदन के लिए अंगीभूत प्रीमियर कॉलेजों में भीड़ लगनी कोई बात नहीं। सीएम साइंस हो या सीएम कॉलेज या फिर एमआरएम कॉलेज, दरभंगा में रहकर पढ़नेवाले छात्र-छात्राओं का सपना इन्हीं प्रीमियर कॉलेजों में नामांकन का होता है। महत्वपूर्ण तब हो जाता है जब सम्बद्ध डिग्री महाविद्यालयों के नामांकन काउंटरों पर भी कट आफ मा‌र्क्स की चर्चा हो तब समझ में आता है कि इंटर के बम्पर रिजल्ट ने कॉलेजों के पूर्व से तैयार नामांकन योजना को ही उलट पलट कर रखा दिया है। उधर मैट्रिक के खराब रिजल्ट से सम्बद्ध कॉलेजों में छात्रों का टोटा उत्पन्न हो सकता है। प्रीमियर समझे जाने वाले सीएम साइंस कॉलेज में प्रथम श्रेणी से पास छात्रों के लिए भी नामांकन मुश्किल है। आवेदन तो चल रहा है मगर सीधे नामांकन का सपना देखनेवाले उच्च अंक प्राप्त छात्रों को भी कहा जा रहा है कि अब पहले वाली बात नहीं। सीधे नामांकन की शर्त इतनी महंगी है कि बहुत कम छात्रों में इसे पूरा करने का दम है। सब आंदोलन करने को काउंटर पर कतार में खड़े हैं। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि कला के बदले छात्र वाणिज्य प्रतिष्ठा की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं। सीएम कॉलेज में आवेदन चल रहा है। इसलिए अभी स्पष्ट आंकड़ा तो नहीं मिला मगर काउंटर पर खड़े छात्रों की माने तो लंबी कतार में वाणिज्य चाहने वालों की संख्या अधिक है। मारवाड़ी कॉलेज, कुंवर ंिसह कॉलेज और मिल्लत कॉलेज के नामांकन आवेदन काउंटरों पर भी भीड़ अन्य कॉलेजों से कम नहीं है। यह तो हाल है अंगीभूत कॉलेजों का। सम्बद्ध डिग्री महाविद्यालय में भी नामांकन करानेवाले छात्रों को हुजूम जमा हो रहा है। लोहिया चरण सिंह कॉलेज हो या महात्मा गांधी कॉलेज, महाराजा महेश ठाकुर कॉलेज हो रमा बल्लभ जालान कॉलेज हर जगह नामांकन आवेदन पत्रों की खूब बिक्री है। इसका कारण है कि इस वर्ष जिससे बीस हजार छात्रों ने इंटर की परीक्षा दी थी। परीक्षा का रिजल्ट की औसत सफल प्रतिशत 95 है। इसमें से दो हजार छात्र अगर नामांकन को दरभंगा से बाहर भी चले गये हो तो सत्रह हजार छात्रों को नामांकन के लिए तो तो यही के कॉलेजों में मारामारी करनी पड़ेगी। उधर मैट्रिक का रिजल्ट मात्र 68 प्रतिशत हुआ है। इसलिए इंटरमीडिएट कक्षाओं में सम्बद्ध कॉलेजों को छात्रों को टोटा सहना पड़ सकता है। प्रीमियर कॉलेजों में भी साठ प्रतिशत से अधिक अंक लानेवालों का जीव विज्ञान ग्रुप में सीधा नामांकन हो रहा है।

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