मधुबनी। विधानसभा चुनाव 2010 में वृद्ध मतदाताओं में भी मतदान के प्रति उत्साह देखा गया। बिस्फी विधानसभा क्षेत्र के सिमरी उच्च विद्यालय मतदान केन्द्र पर 94 वर्षीय झुक चुकी महिला प्रीतम देवी अपने हाथ में पहचान पत्र व पूर्जी लिए पोती कमली के साथ मतदान करने पहुंची। जहां वहां तैनात रेलवे सुरक्षा बल के एक जवान ने मतदान केन्द्र पर सहारा देकर पहुंचाया। वहीं इसी विधानसभा क्षेत्र के मध्य विद्यालय दुलहा के मतदान केन्द्र पर 88 वर्षीय वृद्ध मतदाता सीताराम झा जो गंभीर कंपन रोग से ग्रसित हैं ने अपने पोते अन्य के सहारे मतदान केन्द्र तक पहुंच मतदान किया। बताया कि इस उम्र में मतदान करना मेरे लिए गौरव की बात है।
झंझारपुर के अनुसार, लक्ष्मीपुर के सुमन पंडित एवं खजुरा की कुन्ती देवी की जीवटता किसी उदाहरण तथा आश्चर्य से कम नहीं है। सुमन पंडित 91 वर्षीय वृद्ध व लाचार हैं। कमर झुकने के कारण उनकी दाढ़ी घुटना तक जा मिली है। लेकिन लाठी तथा अपने नाती-पोती के साथ वे बूथ सं. 159 पर वोट डालने पहुंचे थे। पूछने पर वृद्ध श्री पंडित कहते हैं कि करबै, सरकार बनेवाक छई, राज्यक भाग्य बदलवाक छई, जावे जिबई वोट देवे करबें और अपने मंतव्य पर लाठी टेकते चल देते हैं। मधेपुर प्रखंड के खजुरा के बूथ सं. 203 पर वोट डाल लौट रही करीब 50 वर्षीया कुन्ती देवी की कहानी भी निराली है। दाहिने पैर से विकलांग यह महिला अपने पैर पर अपने शरीर को खड़ा रखने में अक्षम है। मोटी लाठी के बदौलत पैर को घसीटते पूरे उत्साह से वोट डाल वापस होने के क्रम में पूछने पर वह बेबाक कहती है कि वोट जरूर डलवाक चाही, एहि सँ सरकार बनईअ जे गाम घरक विकास करत और गरीबक भलाई करत। उन मतदाताओं के लिए उक्त दोनों उदाहरण हैं जिन्होंने वोट डालने में रूचि नहीं दिखाई।
बेनीपट्टी के अनुसार, मतदान केन्द्र सं. 59 पर 95 वर्षीया वृद्ध महाकाली देवी लाठी के सहारे मतदान केन्द्र पर पहुंची जहां थानाध्यक्ष अरुण कुमार गुप्ता ने अन्य पुलिस बलों के सहयोग से उनको मतदान कराने में मदद की
Komentar :
Post a Comment